Ques- गुप्तकाल प्राचीन भारतीय संस्कृति की हर प्रकार से उन्नति का काल था, कैसे ? (The Gupta period was a period of advancement of ancient Indian culture in every way, how?)
Ans- गुप्तकाल में कला , साहित्य , संस्कृति , शिक्षा , ज्ञान - विज्ञान सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व उन्नति हुई । यही कारण है कि गुप्तकाल को ' स्वर्ण युग ' कहा गया है । इस युग में देश के सभी क्षेत्रों के लोगों ने भारतीय सभ्यता - संस्कृति के विकास में योगदान किया । बाहरी देशों से व्यापार होता था । अतः , भारतीय संस्कृति पर विदेशी प्रभाव भी पड़ा । इस युग में सुन्दर , मजबूत और कलात्मक बड़े - बड़े भवन भी बनाये गये । देवगढ़ का मन्दिर , भीतर गाँव का मन्दिर तथा बोधगया का महाबोधि मन्दिर इस युग में बनाये गये , जो उस युग की वास्तु निर्माण कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं ।
वास्तु कला या भवन निर्माण कला की भाँति ही मूर्तिकला में भी गुप्तकाल में पर्याप्त विकास हुआ । मूर्तिकला में कई नई शैलियाँ अपनाई गईं । मूर्तियाँ सुन्दर स्वाभाविक और सजी हुई बनने लगीं । सारनाथ वाली भगवान बुद्ध की मूर्ति इसी काल में बनी । इसमें सौन्दर्य और अध्यात्मिक भावों का अद्भुत समन्वय हुआ है ।
चित्रकला के क्षेत्र में भी गुप्तकाल में काफी उन्नति हुई । दीवारों पर भी चित्रकारी होती थी । वाकाटक वंशवालों ने अजन्ता की गुफाओं की दीवारों पर सुन्दर और भावपूर्ण चित्र बनाये , जो आज भी दर्शकों को लुभाते हैं । गुप्तकाल में भिन्न - भिन्नि मुद्राएँ ऑकत की गयीं ।
साहित्य और विज्ञान के क्षेत्रों में भी इस काल में अभूतपूर्व उन्नति हुई । इसी समय तक्षशिला और नालन्दा के विश्वविद्यालय बने । इसी युग में कालिदास सदृश प्रख्यात नाटककार हुए । अनुमानतः रामायण , महाभारत , मनुस्मृति , पुराण आदि भी इसी युग की देन हैं । बौद्ध जैन साहित्यों की भी रचना इसी युग में हुई । गणित , ज्योतिष , रसायनशास्त्र और चिकित्साशास्त्र के क्षेत्र में नये आविष्कार हुए । गणित में शून्य और दशमलव प्रणाली का आविष्कार भी गुप्तकाल में ही हुआ था ।