जैव - विविधता क्या है ? इसके महत्त्व पर पर प्रकाश डालें।

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Ques. - जैव - विविधता क्या है ? इसके महत्त्व पर पर प्रकाश डालें। 
अथवा , जैव विविधता की परिभाषा देते हुए , इसके महत्व की विवेचना करें । 


जैव - विविधता क्या है ? इसके महत्त्व पर पर प्रकाश डालें।

Answer - जैव का अर्थ जीवों से है - विविधता का अर्थ प्रकार - अर्थात् विभिन्न प्रकार के जीवों से है । अंग्रेजी में इसे Biodiversity कहा जाता है । Pro का अर्थ जीव और diversity से भिन्नता बताता है । अतः पृथ्वी के जल - मण्डल , स्थल - मण्डल और वायु - मण्डल में पाये जाने वाले विभिन्न प्रकार के छोटे - बड़े जीवों की जातियों एवं प्रजातियों की विविधता को ही हम जैव - विविधता कहते हैं । डॉ . अग्रवाल ने अपनी पुस्तक “ Environment Studies " में जैव विविधता को परिभाषित करते हुए कहा है- “ Biological diversity or biodiversity is that of nature which includes their differences in genes among individual of a species the part variety and richness of all the plants and animals expecies at different scales . " 
        जहाँ तक विविधता का प्रश्न है— यह मानव के लिए अति महत्वपूर्ण है । क्योंकि सम्पूर्ण मानव जीवन पौधे , छोटे - बड़े जीव जंतुओं पर आधारित हैं । प्रकृति के विभिन्न प्रकार के जीवों तथा उनकी मिली - जुली परिस्थिति ने जैव - विविधता में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाती है । अतः जैव - विविधता मुख्यतः तीन श्रेणियों में बाँटी जा सकती है।
  1. आनुवंशिक - विविधता । 
  2. जातीय विविधता । 
  3. परिस्थितीय विविधता । 

( 1 ) आनुवंशिक - विविधता- किसी प्रजाति विशेष में एक सामान्य जीन की विभिन्न पीढ़ियों में मिलने वाली विविधता आनुवंशिक विविधता कहलाती है । यह आनुवंशिक विविधता जीवों की जाति , प्रजाति , गुण , प्रकृति एवं संरचना निर्धारित करती है । 

( 2 ) जातीय विविधता - यह विविधता परिस्थिति तंत्र या समुदाय विशेष में मिलने वाले से संबंधित है । इसमें जीवों में अपने - अपने वातावरण के अनुकूल जीवित रहने की क्षमता प्रकार होती है ।

( 3 ) परिस्थितीय विविधता - जीवों का पोषण स्तर वातावरण इसमें सम्मिलित है । यह परिस्थिति के अनुकूल पोषण स्तर प्राप्त कर जीवित रहता है । जहाँ तक जैव विविधता के महत्त्व का प्रश्न है यह मानव के जीवन के लिए अति महत्त्वपूर्ण है । क्योंकि मानव का संपूर्ण जीवन जैव - विविधता पर पोषक से आधारित है । अत : डॉ ० अग्रवाल ने लिखा है- " Biodiversity is very important for human life as we are entirely dependent on plants , micro - organism , earths animals for our food . " अत : स्थल - मंडल , जल - मंडल एवं वायुमंडल प्राणियों के जीवन एवं विकास के लिए जैव - विविधता का महत्वपूर्ण स्थान है । क्योंकि सारे छोटे - बड़े सभी जीव शाकाहारी , मांसाहारी एवं सर्वहारी उपभोक्ता है । उपभोक्ता के साथ - साथ उनमें गतिशीलता है , अतः पर्यावरणीय दशा के अनुरूप ये अपने उपयुक्त पर्यावरणीय दशा में समय - समय पर स्थान परिवर्तन करते रहते हैं । अतः जैव - विविधता के महत्व को हम निम्नलिखित उपखण्डों में अध्ययन कर सकते हैं 
( i ) सामाजिक एवं सौन्दर्यात्मक महत्व । 
( ii ) परिस्थितिकीय लाभ । 
( iii ) आर्थिक महत्व । 
( iv ) उपभोक्ता एवं उत्पादक उपयोग । 
( v ) वायुमण्डलीय गैसों का संतुलन ।

( i ) सामाजिक एवं सौन्दर्यात्मक महत्त्व - धरातल में जीवों की विविधता मानव के लिए सामाजिक अस्तित्व एवं सौंदर्यात्मक महत्त्व रखता है । गायों , बैलों , घोड़ों अन्य पशुओं - पक्षियों से सामाजिक अस्तित्व निर्धारित होता है , साथ ही पदयात्रा , वन्य जीव अवलोकन , पर्यटन तथा प्राकृतिक दृश्यों पर सौन्दर्यात्मक लाभ मिलता है । 

( ii ) परिस्थितिकीय लाभ - पर्यावरण के अन्तर्गत निवास करने वाले पारिस्थितिकीय दृष्टि से मानव जीवन से जुड़कर मानव के जीवन का सहयोग करता है । परिस्थिति तंत्र करोड़ों वर्षों में विकसित हुआ तथा परिस्थिति के अनुकूल विभिन्न जीवों से विभिन्न प्रकार की सेवा उपलब्ध होती है । 

( iii ) आर्थिक महत्त्व - जैव विविधता का आर्थिक रूप से विशेषकर मानव के लिए अति महत्त्व है । मानव का भोजन , वस्त्र , आवास , यातायात , पर्यटन सौन्दर्य - साधन आदि विविध • आवश्यकताओं की पूर्ति जैव - विविधता पर आधारित है । अतः सम्पूर्ण मानवीय आर्थिक स्वरूप जैव - विविधता एवं उसकी पर्यावरणीय स्थिति पर आधारित है । 

What is Biodiversity

( iv ) उपभोक्ता एवं उसके उत्पादक का उपयोग - प्राक् - ऐतिहासिक काल से वर्त्तमान युग तक प्रकृति से प्राप्त वनस्पतियों एवं जीव - जंतुओं का मानव उपयोग करता आ रहा है । इससे हम निम्नलिखित खण्डों में अध्ययन कर सकते हैं- 
( a ) भोजन के दृष्टिकोण से । 
( b ) आवास के दृष्टिकोण से । 
( c ) औषधि के दृष्टिकोण से । 

( a ) भोजन के दृष्टिकोण से - मानव के भोजन का अधिकांश भाग जीव जगत से प्राप्त होता है । लगभग 80000 वनस्पति को मानव प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भोजन के रूप में प्रयुक्त करता है ।

( b ) आवास के दृष्टिकोण से - वस्त्र और आवास के दृष्टिकोण से भी जैव - विविधता का महत्त्वपूर्ण स्थान है । प्राचीन काल में पत्तियों , पेड़ों तथा पशुओं के क्रमशः छाल और कपड़ा वस्त्र , के रूप में प्रयुक्त होता रहता है । 

( c ) औषधि के रूप में वनस्पति तथा जीव - जंतुओं से मानव जीवन रक्षार्थ औषधि प्राप्त होती है । भारतीय चिकित्सा पद्धति पूर्णतः वनस्पति एवं जीव जंतुओं पर आधारित है । 

( v ) वायुमंडलीय गैसीय - संतुलन - जैव विविधता पर्यावरण का गैसीय संतुलन बनाये रखता है । विभिन्न जीव - जंतु कार्बनडाइऑक्साइड का त्याग करते हैं और ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं । ठीक विपरीत वनस्पति ऑक्सीजन त्याग कर कार्बनडाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं । इस तरह गैसीय संतुलन बनाये रखने में जैव - विविधता का महत्त्वपूर्ण स्थान है । इस तरह स्पष्ट है कि जैव - विविधता स्थल मंडलीय जल - मंडलीय तथा वायुमंडलीय जीवों के विकास और संरक्षण में वनस्पति एवं जीव - जगत का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।

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