भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 के अनुसार राज्यपाल को उन बातों को छोड़कर जिसमें उसे अपने विवेक से काम करना है , उनके कार्यों में सहायता एवं परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद् की व्यवस्था की गयी है जिसका प्रधान मुख्यमंत्री होता है ।
नियुक्ति - संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है । सामान्य स्थिति में राज्यपाल उसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त करता है जो विधान - सभा के बहुमत दल का नेता हो । विधान - सभा में किसी दल का स्पष्ट बहुमत नहीं रहने पर राज्यपाल अपने विवेक का प्रयोग करते हुए वह उसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है जिसके संबंध में उसे विश्वास हो कि उसे बहुमत का समर्थन प्राप्त है । मुख्यमंत्री यदि विधानमंडल का सदस्य नहीं हो तो अपनी नियुक्ति की तिथि से 6 माह के अन्दर उसे विधानमंडल के किसी सदन की सदस्यता प्राप्त कर लेनी पड़ती है । ऐसा नहीं करने पर उसे मुख्यमंत्री के पद से त्याग - पत्र देना पड़ता है