भारतीय वनों का वर्गीकरण - Classify the Indian forests

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Ques. भारतीय वनों का वर्गीकरण करें। (Classify the Indian forests)

भारतीय वनों का वर्गीकरण

Ans . भारत के 747.2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वन हैं । यहाँ वृक्षों का 45 हजार प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें 15 हजार प्रजातियाँ उत्कृष्ट वर्ग में आती हैं । भारतीय वनों को निम्नांकित वर्गों में रखा जा सकता है।

1. सदाबहार वन - असम , पश्चिमी घाट , मणिपुर , त्रिपुरा , पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के तटीय भाग में पाये जाने वाले वन सदाबहार वन या ऊष्ण आर्द्र वन कहलाते हैं । इन वनों के पेड़ बहुत घने और 60 मीटर तक ऊँचे होते हैं । इन वनों के मुख्य वृक्षों में रबर , सिनकोना , बाँस तथा ताड़ आदि आते हैं । - 

2. मौनसूनी वन - इन्हें उष्ण कटिबन्धीय पर्णपाती भी कहा जाता है । इन वनों के मुख्य वृक्ष सखुआ , सागौन , महुआ तथा शीशम आदि हैं । छोटानागपुर के पठार , दक्षिण के पठार , तराई और भँवर क्षेत्र में स्थित वन मॉनसूनी वन के उदाहरण हैं । 

3. पर्वतीय वन - हिमालय के पर्वतीय भागों में पाये जानेवाले वन पर्वतीय वन कहलाते हैं । इन वनों में सिडार , सिल्वरफर , देवदार आदि के वृक्ष पाये जाते हैं । 

4. सुन्दर वन - इन्हें ज्वारीय वन भी कहा जाता है। ये वन डेल्टा प्रदेशों में पाये जाते हैं । इन वनों के मुख्य वृक्ष नारियल , ताड़ , सुन्दरी और नैगूथ इत्यादि हैं। 

5. कटीले वन तथा झाड़ियाँ - 50 सेमी ० से कम वर्षा वाले क्षेत्र अर्थात् पंजाब , राजस्थान , गुजरात , मध्य प्रदेश और दक्षिण पठार के शुष्क भागों में पाये जाते हैं। इन वनों के मुख्य वृक्ष बबूल , नागफनी एवं अन्य कटीलीदार झाड़ियाँ हैं।

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