जालियाँवाला बाग कांड पर टिप्पणी । - Jalianwala Massacre .

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Ques. जालियाँवाला बाग कांड पर टिप्पणी लिखें। Write a Note on the Jalianwala Massacre.


 Ans . रौलेक्ट ऐक्ट के विरोध में सम्पूर्ण भारत आन्दोलन की आग में कूद पड़ा। पंजाब तो सर्वाधिक अशान्ति का केन्द्र ही बन गया। तत्कालीन पंजाब के लेफ्टिनेन्ट गवर्नर डायर ने आन्दोलन को कुचलने के उद्देश्य से पंजाब के दो कांग्रेसी नेता डॉ किचलू और डॉ ० सत्यपाल को गिरफ्तार का अज्ञात स्थान पर भेजवा दिया , लेकिन इससे स्थिति और भी अधिक बिगड़ गयी। सम्पूर्ण पंजाब में उत्तेजना फैल गयी। सर्वत्र हड़तालें हुईं और जगह - जगह जुलूस निकाले गए। 13 अप्रैल , 1919 को संध्याकाल में अमृतसर जालियाँवाला बाग में एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया। सरकार की नीति के विरोध में लगभग 20,000 लोग जालियाँवाला आग में एकत्रित हुए । यह सूचना जैसे ही डायर को प्राप्त हुई वह कुछ सैनिकों के साथ सभास्थल पर पहुँच गया। उसने बिना सोचे - बिचारे निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया । गोलियों की वर्षा निकास द्वार से ही की जा रही थी। परिणामतः काफी लोग ( लगभग 300 ) अंग्रेजी सैनिकों की गोलियों के शिकार सर्वत्र इस घटना की निन्दा हुई लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस घटना को उचित ठहराते हुए डायर को ब्रिटिश साम्राज्य के शेर की संज्ञा प्रदान की और उसे " Sword of Honour " भी प्रदान किया। डायर को 2000 पौंड की भेंट भी दी गयी। इससे ब्रिटिश सरकार की न्यायप्रियता पर प्रश्न चिह्न लग गया। इस घटना दुःखी होकर रवीन्द्रनाथ टैगोर ने नाइट हुड की उपाधि और शंकरन नायर ने कार्यकारिणी परिषद की सदस्यता का परित्याग कर दिया।

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