अम्लीय वर्षा या तेजाबी वर्षा से क्या समझते हैं

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Ques. - अम्लीय वर्षा या तेजाबी वर्षा से क्या समझते हैं ? 

अम्लीय वर्षा या तेजाबी वर्षा से क्या समझते हैं

Answer - अम्लीय वर्षा से तात्पर्य वर्षा के पानी में अम्ल की बहुलता से है । फॉसिल ईंधनों के ज्वलन से सल्फर डाइऑक्साइड ( SO2 ) एवं नाइट्रोजन डाइऑक्साइड ( NO2 ) की मात्रा वातावरण में बढ़ती जा रही है । वातावरण की नमी के सम्पर्क में आने पर ये गैसें क्रमश : गंधक अम्ल ( H2SO , H2SO3) एवं नाइट्रिक तथा नाइट्रस अम्ल बनाती है । वर्षा होने पर ये पानी के साथ पृथ्वी पर आ जाते हैं । 

        प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद के अनुसार , गन्धक अम्ल एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड कल - कारखानों , बिजली घरों तथा वाहनों के ईंधन के जलने से बनते हैं । ये गैसें वर्षा के पानी को अम्लीय बना देती हैं । अम्लीय वर्षा का प्रभाव हमारे वनों , नदियों , फसलों , जलीय जीवों आदि पर पड़ता है । इसका प्रभाव ऐतिहासिक इमारतों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है । ऐतिहासिक इमारतों को अम्लीय वर्षा से ' स्टोन कैंसर ' हो जाता है , जो ऐतिहासिक इमारतों को जर्जर अवस्था में ला देती है । ठण्डे स्थानों पर जब किसी कारणवश अम्लीय बर्फ पिघलकर आ जाती है तो इसका pH मान अचानक ही बहुत नीचे गिर जाता है । इस घटना को ' एसिड शॉक ' कहा जाता है । इससे असंख्य जलीय प्राणी नष्ट हो जाते हैं ।

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