Ques. - ऊर्जा के विभिन्न स्रौतों का एक संक्षिप्त विवरण दें। (Give a brief account of various sources of energy)
Answer - . ऊर्जा . ( Energy ) -ऊर्जा मानव के विकास का आधार स्तम्भ है । इसकी कमी होने पर मनुष्य की सारी गतिविधियाँ अस्थिर हो जाती हैं ।
ऊर्जा के विभिन्न स्रोत ( Various Sources of energy ) - ऊर्जा के मुख्य स्रोत दो प्रकार के हैं — परम्परागत ( traditional ) व अपरम्परागत . ( non - traditional )। परंपरागत स्रोत में ईंधन की लकड़ीं , गोबर , कोयला , तेल , अन्य कचरा आदि आते हैं जबकि गैर - परम्परागत स्रोत हैं , परमाणु ऊर्जा , वायु ऊर्जा , और सौर ऊर्जा , पवन - ऊर्जा , बायोगैस , जल - विद्युत से प्राप्त ऊर्जा इत्यादि। फिर सड़े - गले अनाज , गन्ना , आलू आदि , वनस्पतियों के छिलके एवं कूड़ा कर्कट आदि को जलाकर उनका उपयोग भी ऊर्जा प्राप्ति के लिए किया जा सकता है।
परमाणु ऊर्जा - यह ऊर्जा का विशाल स्रोत है । भारत में शांतिपूर्ण कार्यों में इस शक्ति का उपयोग किया जा रहा हैं ।
वायु ऊर्जा - वायु ऊर्जा को पवन - ऊर्जा भी कहते हैं । भारत में पहाड़ी क्षेत्रों और समुद्र के निकट क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में वायु ऊर्जा उपलब्ध है । इस ऊर्जा का उपयोग पानी खींचने में ( पवन चक्कियों द्वारा ) तथा बिजली उत्पन्न करने में ( पवन जैनरेटर द्वारा किया जाता है।
सौर-ऊर्जा - सौर ऊर्जा का अनंत स्रोत है । सौर - ऊर्जा का उत्पादन सरल एवं साधारण है । सौर ऊर्जा संचायकों द्वारा ऊर्जा को इकट्ठा कर छोटे - छोटे घरेलू काम में खाना पकाना , प्रकाश , पानी को गर्म करना , फसल सुखाना आदि में उपयोग होता है । फिर सौर - बैटरी द्वारा सीधे सौर - ऊर्जा विद्युत् - ऊर्जा में परिवर्तन हो रहा है ।
ऊर्जा के उपर्युक्त स्रोतों के अतिरिक्त समुद्र का भी उपयोग ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जाता है । समुद्र में ज्वार भाटा के समय जहाँ ज्वार की ऊँचाई कम - से - कम 5-6 मीटर हो , बाँध बनाकर टरबाइन द्वारा विद्युत उत्पन्न की जा सकती है । भारतवर्ष में इस दिशा में अनुसंधान कार्य हो रहे हैं । समुद्री लहरों द्वारा भी ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है ; क्योंकि उन लहरों में काफी गतिज ऊर्जा ( kinetic energy ) होती है । इसके अतिरिक्त समुद्रतापीय ऊर्जा , हाइड्रोजन ऊर्जा का भी उपयोग , ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जा सकता है । फिर पहाड़ की चारों से गिरने वाले पानी एवं नदियों के उद्गम स्थानों पर तीव्र गति से बहने वाली पानी की गतिज ऊर्जा का उपयोग ऊर्जा उत्पादन में किया जा सकता है ।
ऊर्जा के नए स्रोतों की खोज से एक अधिक महत्वपूर्ण है कि ऊर्जा की बरबादी को रोका जाए । इसके लिए हमें उद्योग एवं कृषि में प्रचलित पुराने तकनीक को हटाकर कम ऊर्जा खर्च करनेवाली नई उपयुक्त तकनीक का विकास करना होगा ।